लघु उद्योगों की पूरी जानकारी
भारतीय अर्थव्यवस्था में लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। ये उद्योग न केवल रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, बल्कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। लघु उद्योगों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
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आधार पर:
- कृषि आधारित लघु उद्योग: ये उद्योग कृषि उत्पादों पर आधारित होते हैं और इनमें खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, चमड़ा, और हस्तशिल्प जैसे उद्योग शामिल हैं।
- गैर–कृषि आधारित लघु उद्योग: ये उद्योग कृषि उत्पादों पर आधारित नहीं होते हैं और इनमें इंजीनियरिंग, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और प्लास्टिक जैसे उद्योग शामिल हैं।
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स्वामित्व के आधार पर:
- व्यक्तिगत स्वामित्व वाले लघु उद्योग: ये उद्योग एक व्यक्ति द्वारा स्वामित्व और संचालित होते हैं।
- साझेदारी वाले लघु उद्योग: ये उद्योग दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा स्वामित्व और संचालित होते हैं।
- सहकारी लघु उद्योग: ये उद्योग अपने सदस्यों के स्वामित्व और संचालित होते हैं।
- सार्वजनिक क्षेत्र के लघु उद्योग: ये उद्योग सरकार द्वारा स्वामित्व और संचालित होते हैं।
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उत्पादन प्रक्रिया के आधार पर:
- हस्तशिल्प उद्योग: इन उद्योगों में उत्पादन मुख्य रूप से हाथ से किया जाता है।
- खादी और ग्रामोद्योग: ये उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित होते हैं और इनमें पारंपरिक कौशल और तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
- छोटे पैमाने के उद्योग: इन उद्योगों में उत्पादन आधुनिक मशीनों और तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है।
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क्षेत्र के आधार पर:
- ग्रामीण लघु उद्योग: ये उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित होते हैं और इनमें स्थानीय कच्चे माल का उपयोग किया जाता है।
- शहरी लघु उद्योग: ये उद्योग शहरी क्षेत्रों में स्थित होते हैं और इनमें बाजार की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादों का उत्पादन किया जाता है।
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उद्योगों की संख्या के आधार पर:
- सूक्ष्म उद्योग: इन उद्योगों में निवेश सीमा ₹1 करोड़ तक होती है।
- लघु उद्योग: इन उद्योगों में निवेश सीमा ₹1 करोड़ से ₹10 करोड़ तक होती है।
- मध्यम उद्योग: इन उद्योगों में निवेश सीमा ₹10 करोड़ से ₹50 करोड़ तक होती है।
लघु उद्योगों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया जा सकता है। यह वर्गीकरण विभिन्न उद्योगों की नीतिगत आवश्यकताओं और सहायता कार्यक्रमों को निर्धारित करने में मदद करता है।
निष्कर्ष:
लघु उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये उद्योग न केवल रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। सरकार लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां और कार्यक्रम लागू करती है।
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